Tally me sale bill kaise banaye :
टैली एकाउंटिंग सॉफ्टवेर का नाम तो आपने सुना ही होंगा.अगर आप टैली सीखना चाहते हो और टैली सॉफ्टवेर में कार्य करना चाहते हो तो इस पोस्ट जरुर .क्योकि Tally Beginner को GST sale Bill banane ke bare me जानकारी होना आवश्यक है .कोई फर्म, संस्था या कंपनी जो अपने ग्राहक को कोई वस्तु बेचती है या कोई सेवा प्रदान करती है तो उसके लिए उसे सेल बिल बनाना आवशयक है.वर्तमान में कुश एकाउंटिंग सॉफ्टवेर है जिनकी मदद से हम आसानी से GST sale bill बना सकते है .एकाउंटिंग सॉफ्टवेर में टैली सबसे ज्यादा प्रचलित और सबसे ज्यादा उपयोग किया जानेवाला सॉफ्टवेर है .यहाँ हम Tally me GST bill kaise banaye इस बारे में विस्तार से जानेंगे.
Tally me GST bill kaise banaye ?
टैली में किसी भी एंट्री को करने के लिए पहले टैली में कंपनी बनायीं जाती है.टैली ने कंपनी बनाने के बारे में इस पोस्ट में जानकारी दी गयी हैं.कंपनी क्रिएट हो जाने के बाद tally में GST SALE BILL बनाने से पहले कंपनी में आवश्यक लैजर बनाने होंगे.जैसे sales Ledger, CGST SGST , IGST, Customer ledger .
Sale bill के लिए GST लैजर बनाये :
- GATEWAY OF Tally से अकाउंट इन्फो पर क्लिक कर
- उसके बाद लैजर पर लिक्क करे
- और अब क्रिएट आप्शन पर क्लिक करे
- NAME आप्शन में GST लैजर का नाम डाले . जैसे CGST
- UNDER : यहाँ Duties & Taxes ग्रुप सेलेक्ट करे .
- Type of Duty / Tax में GST सेलेक्ट करे
- Tax type : टैक्स टाइप में Central Tax सेलेक्ट करे .
- अब लैजर सेव करे .
इसी तरह SGST और IGST लैजर बनाये. SGST लैजर बनाते समय Tax type में State Tax सेलेक्ट करे और IGST लैजर बनाते समय टैक्स टाइप में Integrated Tax सेलेक्ट करे .
Types of sale bill , Types of sale and mode of sale bill
- Types of Sale bill : सेल बिल दो प्रकार के बनाये जाते है कॅश बिल और क्रेडिट बिल.जब कोई ग्राहक नगदी में गुड्स खरीदता है तो कॅश बिल बनाया जाता है और उधारी में खरीदता है तो क्रेडिट बिल बनाया जाता है.
- Type of sale : सेल दो प्रकार से की जाती है एक वस्तुएँ बेचकर और दूसरी सेवाये प्रदान कर.
- Mode of sale bill : गुड्स सेल करने पर आइटम इनवॉइस बनाया जायेंगा.सर्विस बिल के लिए एकाउंटिंग इनवॉइस बनाया जाता है As Voucher से वाउचर मोड से वाउचर मोड में एंट्री की जाती है. Alt+I shortcut से एंट्री करते से पहले इसे चेंज कर सकते है .
Tally me GST sale Bill kaise banaye ?
अब स्टेप-बाय-स्टेप टैली में सेल बिल बनाना सीखे
- Gateway of tally se Accounting vouchers पर इंटर करे.
- Accounting vouchers screen se F:8 button दबाये या दाई साइड में वर्टिकल बटन बार से Alt + F8 पर क्लिक करे .अब आप सेल बिल बना सकते है .
- NO : Sale invoice number आटोमेटिक आता है.
- Ref no, : Ref no में सेल इनवॉइस नंबर ही डालना है .इसका कारण यह है की सेल इनवॉइस नंबर आटोमेटिक है ऐसे में back date में कोई इनवॉइस बन जाता है तो सभी इनवॉइस नंबर change हो जाते है रिफरेन्स नंबर में पता चल जाता है सेल नंबर कहाँ से change हुए है.
- पार्टी नाम : Party name में जिस कस्टमर के नाम का बिल बनाना है List of Ledger accounts में से उसे सेलेक्ट करना है ( यदि लैजर पहले बना हुआ नहीं है तो पहले लैजर बनाना पड़ेंगा.टैली में लैजर बनाने की जानकारी इस पोस्ट में गयी है .
Sales ledger: Sales ledger में टैली में जिस नाम से सेल्स का लैजर बनाया गया है उसे सेलेक्ट करे.
ऊपर के हिस्से में कस्टमर के अकाउंट की जानकरी के लिए है .अब sale bill का अगला भाग आइटम (इन्वेंटरी ) के बारे में है .टैली में आइटम कैसे कैसे बनाये जाते है सीखने के लिए इस पोस्ट पर जाये How to create stock item,stock groups and units of measures in tally
- Name of item : List of stock item में से सेल किये जाने वाले आइटम्स को सेलेक्ट करे .
- Qty : कितनी क्वांटिटी सेल करना है यहाँ डाले .
- रेट : यहाँ सेल प्राइस डाले .
- डिस्काउंट . अगर आइटम पर डिस्काउंट देना हो तो यहाँ कितना प्रतिशत देना है वो डाले . ( सेल बिल में discount coloum को feature में से इनेबल किया जाता है )
अब इन्वेंटरी इनफार्मेशन कम्पलीट हो जाने के बाद हमे सेल वैल्यू प्राप्त होती है अब सेल पर लागु होने वाले अन्य खर्चो और करे (Taxes ) जोड़ा जाता है.इसके लिए कंपनी में पहले से लैजर बने हुए होना चाहिए है .
Additional Expenses and Taxes : सेल के साथ अन्य चार्जेज भी add / less किए जाते है जैसे पैकिंग चार्जेज,ट्रांसपोर्ट चार्जेज जोड़ना, इनवॉइस अमाउंट राउंड ऑफ Round off करना और extra discount देना . यदि सभी आइटम पर discount समान प्रतिशत हो तो discount लैजर बनाकर लेस किया जाना चाहिए इसका कारण यह है इससे टैली में discount अलग से डिस्प्ले होता है और डायरेक्ट डिस्आकाउंट coloumn में डिस्काउंट देने से सेल वैल्यू कम हो जाती है.
Tax : सेल पर टैक्स लगाने से पहले कंपनी में CGST ,SGST और IGST तीनो लैजर होना चाहिए.यहाँ कौन सा लैजर लेना है ये पार्टी स्टेट के अनुसार हमे तय करना है .यदि बेचनेवाली और खरीदने वाली कंपनियां दोने एक की राज्य की है तो CGST और SGST लगेंगे और यदि माल अन्य राज्य में बेचा जा रहा है यो IGST लगेंगा.GST लैजर सेलेक्ट करने के बाद टैक्स सेल पर कैलकुलेट होकर वैल्यू आ जाती है कितना प्रतिशत टैक्स लगेंगा इसका डिटेल आइटम बनाते समय सेट किया जाता है. टैली में आइटम कैसे बनाते है जानने के लिए इस पोस्ट पर क्लिक करे.
Narration : लास्ट में आप्शन आता है narration का. Narration में Discpatch document no ./ Packing slip no,LR no . ऐसी कुश जानकारी डाल सकते है .
Finally ,Tally me GST Sale bill बन चूका है अब इसे सेव कर दे .
Supplemantary detail in sale bill :
ये एक सामान्य प्रोसेस है tally me gst bill बनाने की.लेकिन detail में Sale bil invoice generate करने के लिए हमे और भी बहुत कुश जानना आवशयक है.बड़ी कंपनियां जो सभी transaction को टैली में करके कई प्रकार की reports generate करती है.वो सेल बिल बनाने से पहले सेल आर्डर और डिलीवरी नोट की वाउचर एंट्री करते है.
- सेल बिल बनाने से पहले delivery note / packing slip बनायीं जाती है
- गुड्स की पार्सल क्वांटिटी बिल में मेंशन करनी चाहिए .
- ट्रासपोर्ट से माल बेचने पर बिल में ट्रांसपोर्ट LR /Bilty नंबर मेंशन करना चाहिए .
- बिल में आर्डर नंबर और आर्डर डेट भी मेंशन की जा सकती है .
ये सभी जानकारी सेल बिल में add करने के लिए supplementary details को इनेबल करना होंगा .इसके लिए सेल वाउचर एंट्री में F12:Configure पर क्लिक करे. Enable supplementary details को yes करे .
supplementary details enable होने पर पार्टी नाम सेलेक्ट करने पर एक विंडो ओपन होंगी जिसमे तीन पार्ट होते है पहला भाग होता है Dispatch Details: यदि टैली में delivery note बनाया गया हो तो यहाँ delivery note number सेलेक्ट करना है इससे delivery note के सभी आइटम सेल बिल में आ जाते है.इसके आलावा Dispatch doument number ,Dispatch Through में ट्रांसपोर्ट नाम ,Destination में delivery लोकेशन लिखी जा सकती है .
Order details : यदि टैली में पहले से सेल आर्डर एंट्री की गयी हो तो यहाँ आर्डर नंबर सेलेक्ट करना है . सेल आर्डर के आइटम सेल बिल में add हो जायेंगे.आर्डर detail में पार्टी के साथ की गयी अग्रीमेंट की जानकारी भी यहाँ दे सकते है जैसे mode/Terms of payment, Terms of delivery and other reference .
Sale order processing in tally
Buyer Details : buyers detail में कस्टमर में लैजर में में दी गयी इनफार्मेशन आती है जैसे Name ,address gst नंबर.
ये सभी जानकारी सेल बिल में प्रिंट होती है .
gst sale Bill – Buyer and consignee
कुश कस्टमर्स के कम्पनी के साथ डायरेक्ट व्यवहार न होते हुए thrid party के जरिये होते है. ऐसे में दोनों में नाम से बिल बनेंगा इसके लिए सेटिंग में एक आप्शन को इनेबल करना होंगा .वाउचर क्रिएशन स्क्रीन पर F12: Configure पर क्लिक करे.यहाँ एक आप्शन दिया गया है Allow Separate buyer and consignee Name इसे yes करे .
इस व्यव्हार में बिल वैसे हि बनेंगा जैसे डायरेक्ट कस्टमर के लिए बनाया जाता है केवल इसमें consignee name भी जोड़ना है .इसके लिए पहले टैली में जो consignee पार्टी है उसका लैजर बना ले .
संक्षिप्त में : Sale bill ke bare me
सेल बिल को तीन भाग में विभाजित करे तो आसानी से समझा जा सकता है.पहले पार्ट में बिल नंबर , तारीख और ग्राहक का नाम दिया जाता हैदुसरे भाग में आइटम डिटेल दिया जाता हैतीसरे भाग में Additional Expenses और टैक्स जोड़ा जाता है जैसे freight charges ,packing charges, discount,ete और टैक्स GST जोड़ा जाता है.ये सब होने के बाद invoice वैल्यू आती है इस तरह टैली में एक Valid Tax invoice बनया जाता है.
इस पोस्ट में हमने सीखी के tally me GST Sale bill kaise banate टैली में बिल सेल बिल बनाने से जुड़े कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट करके हमसे संपर्क करे .अगर इस पोस्ट से आपने कुश सीखा हो तो इसे शेयर करना न भूले .आप facebook ,whatsapp अन्य सोशल मीडिया पर इस पोस्ट का लिक शेयर कर सकते है . Tallyadvice का facebook page लाइक करना न भूले .
Read more usefull articles :
How to Add and print Bank detail in sale invoice
Tally me purchase entry kaise kare detail me seekhe