मैं एक भारतीय हूँ , मैं भारत में रहता हूँ . ये बाते कहते हुए मुझे गर्व महसूस होता है और मेरा मानना है इस पर सभी को गर्व महसुस होंगा चाहिए.लेकिन मुझे ऐसा कोई अधिकार नहीं की जिस भाषा में मैं बात करू सामनेवाले को भी उसी भाषा में बात करने के लिए दवाब दू.हाँ अगर उन्हें मेरी भाषा आती है तो में उन्हें आग्रह कर सकता हूँ आदेश नहीं.
आज के समय में संवाद और संपर्क का माध्यम पूरी तरह से आधुनिक है ऐसे कई सोशाल मिडिया एप्लीकेशन है जिससे जरिये हम मिलो दूर बैठे व्यक्ति से इस एप्प के माध्यम से बात कर सकते है.लेकिन क्या आप इस फेसबुक Whatsapp जैसे एप्प पर किसी अन्य व्यक्ति को इस बात के लिए बाध्य कर सकते है की वो आपकी ही भाषा में बात करे मान लीजिये की कोई आपसे अंग्रेजी में बात कर रहा है तो क्या आप उसे मराठी में बात करने के लिए मजबूर कर सकते है ? नहीं करेंगे .क्योकि आप समझदार है आप जानते है उसे भाषा नहीं आती तो वो इंग्लिश या हिंदी में बात कर सकता है
इन दिनों एक अलग ही मुद्दा सामने आया है – भाषा विवाद
सोशल मिडिया और न्यूज़ चेंनलो के माध्यम पुरे देश में ये मुद्दा सामने आ रहा है.इस दिनों महाराष्ट्र में मराठी और कर्नाटक में कन्नड़ भाषा बोलने पर दबाव बनाया जा रहा है.कुश दिनों पहले कर्नाटका से विडियो सामने आया है जिसमे एक महिला SBI ब्रांच की कर्मचारी को कन्नड़ में बात करने के लिए कहा जा रहा है लेकिन उसने स्पष्ट शब्दों में कहा मैं कन्नड़ में बात नहीं करुँगी ये भारत है मैं हिंदी या इंग्लिश में बात करुँगी लेकिन सामनेवाली व्यक्ति ने है आप कर्नाटक में है तो आप कन्नड़ में ही बात करनी चाहिए उस व्यक्ति ने कहा This is Karnatha मैनेजर ने कहा This is India लेकिन समझने वाली बात ये है बैंक मैनेजर का तबादला होता रहता है ऐसे में कैसे वो लोकल अलग अलग भाषा सीखकर काम करे. इसपर पर कुश राजनितिक नेताओ ने भी एंट्री मारी लेकिन सकारात्मक नहीं.इसी तरह instagram पर भी कुश रील्स देखे गए जिसमें मराठी भाषा बोलने के लिए दबाव बनाया जाने लगा. के ग्राहक डिलीवर बॉय से पार्सल इसलिए रिजेक्ट कर देता है क्योकि वो मराठी नहीं बोल सकता.ऐसे और भी कई रील देखे गए जहा आप नागरिक भी केवल लोकल भाषा बोलने के लिए दबाव बनाया जाने लगा है.इस पर महाराष्ट्र के कुश इन्स्टा यूजर्स ने भी इसकी निंदा की.
भारत पाकिस्तान तनाव की बिच आपरेशन सिन्दूर से भारतीय सेना ने विश्व को भारत की शक्ति और सामर्थ्य से अवगत कराया. और पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रेमियों को उनकी औकात बता दी .अब जरा सोचिये उन वीरो को कैसा लगेंगा जो भिन्न भिन्न भाषा में बोलनेवाले एक होकर देश की सेवा में दिन रात एक कर देते है और उन्ही के देश के लाग आपस में लड़ रहे है.
हमारी शिक्षा, हमारा समाज, हमारा धर्म हमे सबके व्यक्तिगत और नैतिक मूल्यों का आदर करने की शिक्षा देता.हमे देखना चाहिए कि कोन ऐसे लोग है जो देश में ऐसे हालात पैदा कर रहे है जिससे आम नागरिक परेशान हो .उनके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. भारत सभी भाषाओ का सम्मान करता है किसी का तिरस्कार नहीं. इस पोस्ट का उद्देश्य लोगो में जागरूकता लाना है .इस पोस्ट में दी गयी जानकारी पर कमेंट करके अपने विचार जरुर साझा करे.
Read more :
जीमेल पासवर्ड भूल जाने पर क्या करे ? change gmail password